मंगलवार रात को हुई अतिवृष्टि ने दुगड्डा ब्लाॅक की मालन घाटी में भारी तबाही मचाई। चूना महेड़ा गांव में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। यहां कई मकान ध्वस्त हो गए हैं जबकि कई मकान मलबे में दब गए और एक वृद्ध व्यक्ति लापता हो गया। साथ ही, सटे सौड़, लदोखी, धरगांव, चौंडली, मैती काटल, जौरासी आदि गांवों में कई नालियाँ कृषि भूमि मलबे में दब गईं। चूना महेड़ा की प्रधान सादिया बेगम ने बताया कि मंगलवार रात को 11:00 बजे हुई अतिवृष्टि के दौरान मोहम्मद उस्मान, रहमत अली, शौकत अली, हकूमूद्दीन के भवन ध्वस्त हो गए जबकि एक वृद्ध रहमत अली (90) लापता हो गए।
मालन नदी में बही पैदल पुल और खेती भूमि के नुकसान की घातक चरणी से कलालघाटी पुलिस और एसडीआरएफ ने 22 मजदूरों की जान बचाई। बाढ़ से प्रभावित लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए अत्यधिक प्रयास किए गए और वे सभी जेबी और रस्सों के सहारे सुरक्षित निकाले गए। कॉजवे के कई वाहन, एक छोटा हाथी और एक रोड रोलर भी नदी में बह गए, जिनसे कांडी गांव में वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न हुई। इसके अलावा, मुंडगांव में भी अतिवृष्टि के प्रभाव से कई घराट और नालियाँ खतरे में आई हैं, जिनकी मरम्मत की जा रही है।
थलनदी पर बने पैदल पुल और कृषि भूमि के नुकसान के चलते यमकेश्वर ब्लॉक में भी भारी हानि हुई। सड़कों की बाधाओं के कारण गांवों में यातायात बाधित है और उन्हें अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई गांवों में नालियाँ और खेती भूमि मलबे में दब गई हैं, जिससे किसानों का जीवन और ध्यान देने वाले लोगों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।
कलालघाटी पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त प्रयासों से अतिवृष्टि के कारण फंसे 22 मजदूरों की जानें सुरक्षित रही। मजदूरों के सुरक्षा के लिए उन्हें जेबी और रस्सों के सहारे सुरक